कभी फुरसत हो तो सांवरिया,
निर्धन के घर भी आ जाना,
कभी फुरसत हो तो सांवरिया,
निर्धन के घर भी आ जाना,
जो अपना समझ के दिया हमें,
कभी उसका भोग लगा जाना,
कभी फुरसत हो तो सांवरिया,
निर्धन के घर भी आ जाना।।
तू सबकी सुनता सांवरिया,
कब मेरी सुनने आएगा,
तू सबकी सुनता सांवरिया,
कब मेरी सुनने आएगा,
ना अपना कोई इस जग में मेरा,
कब आके गले लगाएगा,
ना अपना कोई इस जग में मेरा,
कब आके गले लगाएगा,
किस्मत ने सहारा छोड़ दिया,
तू आके लाज बचा जाना,
जो अपना समझ के दिया हमें,
कभी उसका भोग लगा जाना,
कभी फुरसत हो तो सांवरिया,
निर्धन के घर भी आ जाना।।
मैं निर्धन हूं मेरे पास प्रभु,
लडडू, मेवा ना मिठाई है,
मैं निर्धन हूं मेरे पास प्रभु,
लडडू, मेवा ना मिठाई है,
सोने के सिंहासन है तेरे,
मेरे घर धरती की चटाई है,
सोने के सिंहासन है तेरे,
मेरे घर धरती की चटाई है,
तू आके दे जा सहारा मुझे,
इस दुनिया को दिखला जाना,
जो अपना समझ के दिया हमें,
कभी उसका भोग लगा जाना,
कभी फुरसत हो तो सांवरिया,
निर्धन के घर भी आ जाना।।
भक्तों को दुख ने घेर लिया,
अपनों ने मुंह भी फेर लिया,
भक्तों को दुख ने घेर लिया,
अपनों ने मुंह भी फेर लिया,
इस भगत ने रखी आस यही,
इस आस पे दौड़े आ जाना,
इस भगत ने रखी आस यही,
इस आस पे दौड़े आ जाना,
जो अपना समझ के दिया हमें,
कभी उसका भोग लगा जाना,
कभी फुरसत हो तो सांवरिया,
निर्धन के घर भी आ जाना,
कभी फुरसत हो तो सांवरिया,
निर्धन के घर भी आ जाना।।