हिन्दू धर्म में किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले गणेश जी का पूजन करना आवश्यक माना जाता है। गणेश जी को विध्नहर्ता और मंगलकारी माना जाता है। इनको रिद्धि सिद्धि का स्वामी कहा जाता है। गणेश जी के स्मरण, ध्यान, जप, आराधना करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। किसी भी शुभ कार्य को करने में उनके गण कोई बाधा उत्पन्न ना करें इसलिए सर्वप्रथम गणेश जी की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त की जाती है। वेदों में भी गणेश जी की महत्ता और उनके विघ्नहर्ता स्वरूप की व्याख्या की गई है। आज हम उनके 108 नामों का उल्लेख नीचे कर रहे हैं।
गणेश जी के 108 नाम निम्नलिखित हैं:
1 ) ऊँ श्री गणेश्वराय नमः
2) ॐ श्री गणाध्यक्षाय नमः
3) ॐ श्री गणप्रियाय नमः
4) ॐ श्री गणनाथाय नमः
5) ऊँ श्री गणेशाय नमः
6) ऊँ श्री गणपतये नमः
7) ॐ श्री गणेधीशाय नमः
8) ॐ श्री गणप्रभवे नमः
9) ॐ श्री गणस्तुताय नमः
10) ॐ श्री गुणाप्रियाय नमः
11) ऊँ श्री गौणशरीराय नमः
12) ऊँ श्री गुणेशवराय नमः
13) ॐ श्री गुणप्रभवे नमः
14) ॐ श्री गुणिगीताय नमः
15) ऊँ श्री गुणाधाराय नमः
16) ऊँ श्री गुणाधीशाय नमः
17) ऊँ श्री गुणदात्रे नमः
18) ऊँ श्री गुणचक्रधराय नमः
19) ऊँ श्री गुणप्राणाय नमः
20) ॐ श्री गजाय नमः
21) ॐ श्री गजरुपधराय नमः
22) ॐ श्री गजप्राणाय नमः
23) ऊँ श्री गजदन्ताय नमः
24) ॐ श्री गानकुशलाय नमः
25) ॐ श्री गानशीलाय नमः
26) ॐ श्री गानबुद्धये नमः
27) ऊँ श्री गुरुगुणाय नमः
28) ॐ श्री गुरुप्राणाय नमः
29) ऊँ श्री गुरुश्रेष्ठाय नमः
30) ॐ श्री संसारसुखदाय नमः
31) ॐ श्री गौरयानुप्रियाय नमः
32) ॐ श्री गौरगुणाय नमः
33) ऊँ श्री गौरीप्रिय पुत्राय नमः
34) ऊँ श्री गदाधराय नमः
35) ऊँ श्री गौरभावनाय नमः
(36) ॐ श्री गोमतीनाथाय नमः
37) ॐ श्री गोपतये नमः
38) ॐ श्री गोगणाधीशाय नमः
39) ॐ श्री गोपगोपाय नमः
40) ॐ श्री गोलोकाय नमः
41) ॐ श्री गोत्राय नमः
42) ऊँ श्री गोत्रवृद्धिकराय नमः
43) ॐ श्री गोत्रपतये नमः
44) ॐ श्री ग्रन्थज्ञाय नमः
45) ऊँ श्री ग्रन्थप्रियाय नमः
46) ऊँ श्री ग्रहश्रेष्ठाय नमः
47) ऊँ श्री गीतकाराय नमः
48) ॐ श्री गीतकीर्तये नमः
49) ॐ श्री गीताश्रयाय नमः
50) ॐ श्री गतदुःखाय नमः
51) ॐ श्री गतसकलपाय नमः
52) ॐ श्री गतक्रोधाय नमः
53) ऊँ श्री गयानाथाय नमः
54) ॐ श्री गायकवराय नमः
55) ॐ श्री सृष्टिलिंगाय नमः
56) ॐ श्री सर्व देवात्मने नमः
57) ऊँ श्री गजकर्णकाय नमः
58) ऊँ श्री ज्ञानमुद्रावते नमः
59) ऊँ श्री लम्बोष्ठाय नमः
60) ॐ श्री सर्वमंगल मांग्ल्याय नमः
61) ऊँ श्री निरंकुशाय नमः
62) ऊँ श्री ऋद्धि-सिद्धि प्रवर्तकाय नमः
63) ऊँ श्री एक पाद कृतासनाय नमः
64) ॐ श्री ओजस्वे नमः
65) ॐ श्री गृहनाय नमः
66) ऊँ श्री चराचरपतये नमः
67) ऊँ श्री दानवमोहनाय नमः
68) ऊँ श्री धन-धान्यपतये नमः
69) ऊँ श्री नन्दीप्रियाय नमः
70) ऊँ श्री पूर्णानन्दाय नमः
71) ॐ श्री भद्राय नमः
72) ॐ श्री मन्दगतये नमः
73) ऊँ श्री यज्ञपतये नमः
74) ऊँ श्री रसाय नमः
75) ऊँ श्री राज्यसुखप्रदाय नमः
76) ऊँ श्री लड्डूक प्रियाय नमः
77) ऊँ श्री लाभकृते नमः
78) ऊँ श्री विश्वतोमुखाय नमः
79) ऊँ श्री विश्वनेत्रै नमः
80) ऊँ श्री शम्भुशक्ति गणेवराय नमः
81) ॐ श्री शास्त्रे नमः
82) ॐ श्री सर्वज्ञाय नमः
83) ऊँ श्री सौभाग्यवर्धनाय नमः
84) ऊँ श्री पुत्र पौत्र दाय नमः
85) ऊँ श्री दौर्भाग्यनाशनाय नमः
86) ऊँ श्री सर्वशक्ति भृते नमः
87) ॐ श्री विद्याधरेभ्यों नमः
88) ऊँ श्री ज्ञानविज्ञानाय नमः
89) ऊँ श्री चतुर्थी पुजनप्रियाय नमः
90) ऊँ श्री अष्टमूर्तये नमः
91) ऊँ श्री महागणाधिपतये नमः
92) ॐ श्री गजकर्णक नमः
93) ऊँ श्री स्थूलकुक्षिः नमः
94) ऊँ श्री कम्बूकण्ठो नमः
95) ऊँ श्री लम्बनासिकाय नमः
96) ऊँ श्री पूर्णानन्दाय नमः
97) ऊँ श्री त्रिवर्गफलदाय नमः
98) ऊँ श्री देवदेवस्य नमः
99) ऊँ श्री महामना: नमः
100) ॐ श्री सर्वनेत्रधिवासो नमः
101) ऊँ श्री वृहदभुजः नमः
102) ॐ श्री लम्बोष्ठो नमः
103) ॐ श्री महाकाय नमः
104) ऊँ श्री अष्टप्रकृतिकारणाय नमः
105) ऊँ श्री विधाप्रदाय नमः
106) ऊँ श्री विजयप्रदाय नमः
107) ऊँ श्री पुत्र पौत्रदाय नमः
108) ऊँ श्री रक्षोरक्षाकराय नमः