सावल सावल मोरा पिया ,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया ,
छवि दिखला के पागल किया ,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया ।।
यूँ तो सांवला है तू, संसार का उजाला है तू ,
मोर पंख वाला है तू, देवकी का लाला है तू ,
मुरली बजा के मन हर लिया,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया,
सांवल सांवल मोरा पिया,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया।।
बस गए निगाह में, तुम हो मेरी चाह में ,
दर्श का प्यासा हूँ मैं, कबसे खड़ा राह में ,
दिल ने तुझपे भरोसा किया,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया,
सांवल सांवल मोरा पिया,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया।।
मुझपे दया की कर दे नजर,
मन का अँधेरा दूर कर,
कब तक सताएगा तू मुझे,
ओ निर्दयी ओ बेखबर,
बिन तेरे कैसे 'विवेक' जिया,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया,
सांवल सांवल मोरा पिया,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया।।
सावल सावल मोरा पिया,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया,
छवि दिखला के पागल किया,
जब तक ना देखूं ना लागे जिया ।।