मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
पालकी में होके सवार चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
कोई रोक सके तो रोक ले,
मैं नाच उठी छम छम छमा छम,
पालकी में होके सवार चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
पालकी में होके सवार चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।।
बागों से चुन चुन कलियां ले आई,
चुन चुन कलियां में हार बनाई,
बागों से चुन चुन कलियां ले आई,
चुन चुन कलियां में हार बनाई,
मैया जी को हार पहनाने चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
मैया जी को हार पहनाने चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
कोई रोक सके तो रोक ले,
मैं नाच उठी छम छम छमा छम,
पालकी में होके सवार चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।।
जयपुर शहर से चुनरी मंगाई,
प्यारा सा उसमें गोटा लगाई,
जयपुर शहर से चुनरी मंगाई,
प्यारा सा उसमें गोटा लगाई,
मैया जी को चुनरी ओढ़ाने चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
मैया जी को चुनरी ओढ़ाने चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
कोई रोक सके तो रोक ले,
मैं नाच उठी छम छम छमा छम,
पालकी में होके सवार चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।।
ऊंची चढ़ाइयां मैं तो चढ़ गई,
चढ़ के मैया के भवन पर आ गई,
ऊंची चढ़ाइयां मैं तो चढ़ गई,
चढ़ के मैया के भवन पर आ गई,
मैया जी का दर्शन मैं पाने चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
मैया जी का दर्शन मैं पाने चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
कोई रोक सके तो रोक ले,
मैं नाच उठी छम छम छमा छम,
पालकी में होके सवार चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।।
छप्पन भोग बना कर मैं लाई,
हलवा पूरी बना कर मैं लाई,
छप्पन भोग बना कर मैं लाई,
हलवा पूरी बना कर मैं लाई,
मैया जी को भोग लगाने चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
मैया जी को भोग लगाने चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे,
कोई रोक सके तो रोक ले,
मैं नाच उठी छम छम छमा छम,
पालकी में होके सवार चली रे,
मैं तो अपनी मैया के द्वार चली रे।।