अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता।।
रावण बोला कड़वी वाणी,
रावण बोला कड़वी वाणी,
अपनी कर गया कुनबा हानि,
अपनी कर गया कुनबा हानि,
बाजा तीन लोक में ढोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
बाजा तीन लोक में ढोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता।।
द्रौपदी बोल रही सुन मंदा,
द्रौपदी बोल रही सुन मंदा,
दुर्योधन अंधे का अंधा,
दुर्योधन अंधे का अंधा,
पड़ गया कितना चुकाना मोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
पड़ गया कितना चुकाना मोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता।।
कौरव सारे थे अभिमानी,
कौरव सारे थे अभिमानी,
बात बड़ों की कभी न मानी,
बात बड़ों की कभी न मानी,
एक दिन हो गया बिस्तर गोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
एक दिन हो गया बिस्तर गोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता।।
प्रभु के भक्त मीठे बोल सुनावें,
प्रभु के भक्त मीठे बोल सुनावें,
जैसे कोयल राग सुनावे,
जैसे कोयल राग सुनावे,
बोली कागा की विष घोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
बोली कागा की विष घोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता,
अरे मत बोलो कड़वे बोल,
बोल का जख्म नहीं भरता।।