तर्ज/ बाबुल का ये घर बहना
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
लाडले हैं धरती के, लाडले हैं धरती के,
हमें कण–कण में पाओगे,
लाडले हैं धरती के, हमें कण–कण में पाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे।।
दुनिया की दौलत से इज्जत हमको प्यारी है,
दुनिया की दौलत से इज्जत हमको प्यारी है,
मुट्ठी में बन्द किस्मत, मेहनत हमको प्यारी है,
झोली ना फैलाते हम, झोली ना फैलाते हम,
हमें कैसे झुकाओगे,
झोली ना फैलाते हम हमें कैसे झुकाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
लाडले हैं धरती के, हमें कण–कण में पाओगे,
लाडले हैं धरती के, हमें कण–कण में पाओगे।।
बहुत सहा हमने अब ना आंसू बहाना है,
बहुत सहा हमने अब ना आंसू बहाना है,
दुश्मन की छाती पे तिरंगा लहराना है,
दुश्मन की छाती पे तिरंगा लहराना है,
शहीदों की शहादत तब, शहीदों की शहादत तब,
नमन कर पाओगे,
शहीदों की शहादत तब, नमन कर पाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
लाडले हैं धरती के, हमें कण–कण में पाओगे,
लाडले हैं धरती के, हमें कण–कण में पाओगे।।
इतिहास के पन्नों पे एक नई कहानी हो,
इतिहास के पन्नों पे एक नई कहानी हो,
तिरंगा लिपटे मेरे ऐसी जिंदगानी हो,
तिरंगा लिपटे मेरे ऐसी जिंदगानी हो,
चमकता सितारा अरज़ू, चमकता सितारा अरज़ू,
आसमान पे पाओगे,
चमकता सितारा अरज़ू, आसमान पे पाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
लाडले हैं धरती के, लाडले हैं धरती के,
हमें कण–कण में पाओगे,
लाडले हैं धरती के, हमें कण–कण में पाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे,
बांध के कफ़न निकले उसे क्या तुम मिटाओगे।।